डायबिटीज से जुड़ी जटिलताओं को दोगुना कर देता है धूम्रपान

डायबिटीज से जुड़ी जटिलताओं को दोगुना कर देता है धूम्रपान

डॉक्‍टर अनूप मिश्रा

प्रश्‍न: धूम्रपान / तंबाकू का लती किसे कहेंगे?

उत्‍तर: धुएं का एक कश खींचना और तंबाकू का एक छोटा अंश चबाना आपको स्‍मोकर की श्रेणी में रख देता है। जब आप धुएं का कश लगाते हैं तो निकोटीन (सिगरेट में पाया जाता है) आपके फेफड़े में गहरे तक पहुंच जाता है। वहां ये तेजी से रक्‍त में घुल जाता है और पूरे शरीर में पहुंच जाता है। समय के साथ संबंधित व्‍यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से निकोटीन का लती (निर्भर हो जाना) बन जाता है भले ही वो कितनी भी कम मात्रा में इनका इस्‍तेमाल कर रहा हो।

प्रश्‍न: धूम्रपान और तंबाकू डायबिटीज अथवा इसकी जटिलताओं से किस प्रकार जुड़ा है?

उत्‍तर:

  • धूम्रपान टाईप 2 डायबिटीज के खतरे को बढ़ा देता है। धूम्रपान न करने वालों के मुकाबले धूम्रपान करने वालों में टाईप 2 डायबिटीज होने का खतरा 30 से 40 फीसदी तक ज्‍यादा होता है।
  • मुख्‍यत: ऐसा धुएं में मौजूद कई तरह के रसायनों के कारण इंसुलिन के कार्य पर पड़ने वाले असर के कारण होता है। साथ ही, हालांकि धूम्रपान से वजन कम होता है मगर इसके कारण पेट के चारों ओर चर्बी जमा हो जाती है। चर्बी का ये वितरण डायबिटीज और हृदय रोग के खतरे को बढ़ाती है।
  • ऐसे मरीज जो डायबिटीज के शिकार हैं और धूम्रपान की आदत भी है उनमें गंभीर जटिलताओं का शिकार होने का खतरा 10 गुणा तक अधिक होता है (डायबिटीज की जटिलताओं के बारे में जानने के लिए अध्‍याय 7 भी देखें) जिनमें निम्‍नलिखित जटिलताएं शामिल है:
  • हार्ट अटैक एवं स्‍ट्रोक
  • हाई बीपी एवं खून में चर्बी की ज्‍यादा मात्रा
  • किडनी की बीमारी और रेटिनोपैथी  
  • पेरीफेरल न्‍यूरोपैथी (हाथ और पैरों की नर्व का क्षतिग्रस्‍त हो जाना जिसके कारण सुन्‍नपन, दर्द, कमजोरी और खराब संयोजन की समस्‍या होती है)
  • खासकर पैरों से संबंधित जटिलताएं का खतरा बहुत अधिक होता है। पैरों और तलवों में रक्‍त संचार खराब होने (धूम्रपान, उच्‍च कोलेस्‍ट्रोल और डायबिटीज के कारण) से संक्रमण, पैरों का अल्‍सर हो सकता है और अंग क्षतिग्रस्‍त होने पर सर्जरी के कारण किसी हिस्‍से जैसे कि अंगूठे या पैर के निचले हिस्‍से को काटकर हटाना पड़ सकता है।   
  • टीबी और छाती का संक्रमण होने की आशंका बढ़ जाती है।
  • साथ ही, धूम्रपान मांसपेशियों (सारकोपेनिया, अध्‍याय 40 देखें) और हड्डियों (ऑस्टियोपोरोसिस) को कमजारे कर देता है। डायबिटीज के मरीज पहल से कमजोर मांसपेशियों और हड्डियों के शिकार होते हैं।

प्रश्‍न: धूम्रपान और तंबाकू चबाना छोड़ने के तरीके क्‍या हैं और इसका लाभ क्‍या है?

उत्‍तर:

    • जब आप विभिन्‍न स्‍वास्‍थ्‍य खतरों के प्रति जागरूक हो जाएं तो अगला कदम दूसरों की मदद लेना होता है। अपने दोस्‍तों और परिवार को अपनी योजना में शामिल करें और उन्‍हें बताएं कि आप सिगरेट-तंबाकू छोड़ना चाहते हैं और इसमें उनकी मदद और उनसे उत्‍साहवर्धन चाहते हैं।
    • एक दिन तय करें जिस दिन से आप धूम्रपान पूरी तरह छोड़ देंगे। उस दिन से पहले अपने पास मौजूद सारी सामग्री जैसे कि सिगरेट, तंबाकू, लाइटर और ऐश ट्रे को नष्‍ट कर दें।
    • व्‍यसन से छुटकारे के दौरान विदड्रावल सिम्‍टम्‍स से निबटना पेच‍िदा हो सकता है। लगातार सक्रिय रहें, अपना ध्‍यान दूसरी चीजों पर लगाएं और किसी न किसी काम में व्‍यस्‍त रहें। अपने दिमाग को व्‍यस्‍त रखें। कोई किताब या पत्रिका पढ़ें, अपना पसंदीदा संगीत सुनें। मिंट, कोई चबाने वाली कैंडी या गम का इस्‍तेमाल करें।
    • यदि आप खुद से नहीं छोड़ पा रहे हैं तो आपका डॉक्‍टर आपको निकोटीन के विकल्‍प की कोई थेरेपी या नॉन निकोटीन दवा या कॉग्निटिव बिहेवियेरल थेरेपी दे सकता है।
    • धूम्रपान छोड़ने के फायदे ही फायदे हैं:
  • तत्‍काल: सांस अच्‍छी आने लगती है, गंदे दांत सफेद हो जाते हैं, शरीर की गंदी बदबू खत्‍म हो जाती है, नाखूनों और त्‍वचा का पीलापन चला जाता है, खाने में स्‍वाद आने लगता है, गंध की पहचान सामान्‍य हो जाती है। यदि आपका वजन कम हो रहा हो तो एक से दो किलो वजन बढ़ जाता है (जो कि ऐसे लोगों जिन्‍हें डायबिटीज नहीं है उनमें डायबिटीज के जोखिम को बढ़ा देता है मगर बेहद कम समय के लिए)
  • दीर्घावधि में: कैंसर, डायबिटीज, हृदय रोग, फेफड़ों में अवरोध की समस्‍या, पैरों का अल्‍सर, पेट का अल्‍सर आदि का जोखिम कम हो जाता है।
  • सबसे महत्‍वपूर्ण: उम्र बढ़ जाती है।  

तंबाकू चबाना या पीना न सिर्फ डायबिटीज के खतरे को बढ़ाता है बल्कि इसकी लत डायबिटीज के पहले से मौजूद जटिलताओं के खतरो को दो गुना कर देती है।

(डॉक्‍टर अनूप मिश्रा की किताब ‘डायबिटीज के साथ भी खुशहाल जीवन’ से साभार। ये किताब जल्‍द ही पाठकों के लिए उपलब्‍ध होगी।)

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